शिक्षण के क्षेत्र में ई-लर्निंग की प्रासंगिकता

Authors

  • डॉ. स्वाति प्रिया सहायक प्राध्यापक, न्यू होराइजन कॉलेज ऑफ एजुकेशन, सिमरिया, टीएमबीयू, भागलपुर (बिहार) Author

Keywords:

ई-लर्निंग, कंप्यूटर आधारित शिक्षा, डिस्टेंस लर्निंग, टेक्नोलॉजिकल लर्निंग

Abstract

ई-लर्निंग का उपयोग शिक्षण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और आवश्यक परिवर्तन की ओर प्रवृत्ति कर रहा है। आजकल की तेजी से बदलती तकनीक ने शिक्षा को भी नई दिशा में ले जाया है। शिक्षण के क्षेत्र में ई-लर्निंग का प्रयोग छात्रों को विभिन्न विषयों में गहरी ज्ञान और समझ प्रदान करने की अनूठी संभावना प्रदान करता है।

ई-लर्निंग की प्रासंगिकता यहाँ तक है कि यह शिक्षकों को नई शिक्षा तकनीकियों और उपायों की ओर प्रवृत्त करता है, जो छात्रों को स्थानीय, राष्ट्रीय, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्राप्त हो रहे ज्ञान से जोड़ने में मदद कर सकती है। शिक्षा प्रक्रिया को रोचक और सहज बनाने के लिए ई-लर्निंग उपयुक्त और उच्च-तकनीकी होती है, जिससे छात्रों का अध्ययन गतिशीलता से बढ़ सकता है। इसके साथ ही, ई-लर्निंग शिक्षा को समाज में उच्चतम स्तर पर पहुंचाने में सहायता करती है, खासकर वहाँ तक पहुंचाने में जहाँ पाठ्यक्रमों की गुणवत्ता और संग्रहण में सुधार की आवश्यकता हो।

शिक्षण के क्षेत्र में ई-लर्निंग की प्रासंगिकता अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह न केवल शिक्षा को प्रदान करने की प्रक्रिया को मोदन बनाती है, बल्कि छात्रों को भी उच्चतम शैक्षिक मानकों तक पहुंचाने में मदद करती है, जिससे वह समृद्ध, समाज में समाजशास्त्र में सहायता कर सकते हैं।

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Published

2022-10-29

How to Cite

शिक्षण के क्षेत्र में ई-लर्निंग की प्रासंगिकता. (2022). International Journal of Scientific Research in Modern Science and Technology, 1(2), 40-46. https://ijsrmst.com/index.php/ijsrmst/article/view/64